बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग ने एकबार फिर सियासी गरमी बढ़ायी है. एनडीए के अंदर ही फिलहाल इसे लेकर बयानबाजी शुरू हो गयी है. भाजपा ने यह साफ कर दिया है कि विशेष राज्य का दर्जा अब संभव नहीं है. वहीं जदयू से लेकर वीआईपी पार्टी भी अब इसे लेकर बयानबाजी फिर से शुरू कर चुकी है. विपक्ष पहले से ही इस मांग को लेकर हमलावर रहा है.
विशेष राज्य का दर्जा अब संभव नहीं- डॉ संजय जायसवाल
बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने खुले तौर पर यह कह दिया है कि कानून के तहत और 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के कारण विशेष राज्य का दर्जा अब संभव नहीं है. देश में विशेष राज्य के दर्जा का प्रावधान ही नहीं रह गया है. वहीं इस बयान को लेकर अब एनडीए के अन्य घटक दलें भी अपना पक्ष रख रही हैं. वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी ने इस मामले में सीएम नीतीश कुमार को साथ देने की बात करते हुए विशेष राज्य के दर्जे की मांग का समर्थन किया है.
ललन सिंह को बीजेपी प्रदेश अण्यक्ष ने दिया सुझाव
गौरतलब है कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि झारखंड, तेलंगना, छत्तीसगढ़ और ओड़िशा समेत कई राज्य इसकी मांग कर रहे हैं. ललन सिंह ऐसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क करें. विशेष राज्य के दर्जे की मांग करने के लिए शिष्टमंडल अगर प्रधानमंत्री से मिलने जाता है और यदि ललन सिंह उस शिष्टमंडल में भाजपा के नेताओं को भी ले जाना चाहें, तो हम भी जाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हमें खुशी होगी कि बिहार को जितना ज्यादा मिले.
14वें वित्त आयोग के प्रावधानों का किया जिक्र
डॉ जायसवाल ने आंध्र प्रदेश के हुए बंटवारे का जिक्र करते हुए कहा कि जब आंध्र और तेलंगाना का बंटवारा हुआ तब केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात कही थी. इसके बाद इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार ने संसद में भी वादा किया, लेकिन वह उसे पूरा नहीं कर सकी. तत्कालीन सरकार ने आंध्र के विशेष दर्जे की मांग को राष्ट्रीय विकास आयोग को भेज दिया था. 14वें वित्त आयोग के प्रावधानों का जिक्र करते हुए जायसवाल ने कहा कि इसने जो निर्णय लिया है उसमें देश में विशेष राज्य का प्रावधान समाप्त हो गया है. न सिर्फ बिहार बल्कि देश के कई अन्य राज्य भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते रहे हैं.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का पलटवार
वहीं इस मामले पर एक मीडिया चैनल से बात करते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिहं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. दरअसल इसे लेकर वो लगातार ट्वीट करते रहे हैं और इस मांग को बिहार का हक बताते रहे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की सलाह पर उन्होंने कहा कि जिस समय इसकी मांग उठी थी उस समय बिहार की सभी राजनीतिक दलें सर्वसम्मती से इस मुद्दे पर साथ थी.
Input; Dtw24