राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत को बिहार सरकार द्वारा सूचित किया गया है कि उसने मुजफ्फरपुर में एक आश्रय गृह में यौन शोषण के 49 पीड़ितों को 3 से 9 लाख रुपये का भुगतान किया है।
यह जानकारी एनचआरसी द्वारा जारी एक बयान में दी गई है। इसके मुताबिक इस मामले में हुई कार्रवाई की रिपोर्ट से पता चलता है कि आईपीसी की धारा 120बी/376/34 तथा पॉक्सो अधिनियम की धारा 4/6/8/10/12 के तहत महिला पुलिस स्टेशन, मुजफ्फरपुर में 31 मई, 2018 को एफआईआर (संख्या 33/2018) दर्ज की की गई थी। बाद में जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी गई और जांच के बाद, 20 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। इनमें से 19 को ट्रायल कोर्ट, साकेत, नई दिल्ली द्वारा दोषी ठहराया गया।
आयोग ने वर्ष 2018 में 29 नवंबर को मामले में एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। आयोग के अलावा, ट्रायल कोर्ट साकेत, नई दिल्ली ने भी पीड़ितों को योग्यता के आधार पर मुआवजा देने की सिफारिश की थी। आयोग को यह भी सूचित किया गया है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह चलाने वाले एनजीओ का पंजीकरण रद्द कर दिया गया था और जिस परिसर पर यह बना था उसे भी अदालत के आदेशों के अनुपालन में ध्वस्त कर दिया गया था। मामले की पूरी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में और ट्रायल, ट्रायल कोर्ट द्वारा एक निर्धारित अवधि के भीतर संपन्न किया गया था।