लीची के मंजर में तेजी से दाने आने लगे हैं। इसे देख किसानों की उम्मीद बढ़ने लगी है। वर्तमान में शाही लीची के मंजर में दाने आये हैं, जबकि चाइना लीची में अभी भी मंजर दिखाई दे रहा है।
इधर, तापमान में वृद्धि रहने से किसान बागों में सिंचाई शुरू कर दिए हैं, ताकि नमी बनी रहे और दाने पुष्ट हो सकें। शाही लीची के बाग ज्यादातर मुशहरी, झपहां, सर्फुद्दीनपुर, मुरौल, मीनापुर, कांटी व कुढ़नी में हैं।
झपहां के प्रगतिशील किसान भोलानाथ झा ने बताया कि शाही लीची में दाने आने के बाद बागों की निगरानी जरूरी हो गयी है। बागों में नमी की मात्रा कम नहीं हो, इसके लिए पटवन शुरू कर दिए हैं। लीची के दाने अच्छी तरह निकल सकें और उसमें कीट व्याधि का प्रकोप नहीं हो, इसके लिए छिड़काव भी शुरू कर दिए हैं। इस बार लीची के बागों में अच्छा मंजर होने से लीची की अच्छी फसल होने की उम्मीद है। कांटी के भोला त्रिपाठी ने बताया कि इस बार तापमान अधिक रहने से शुरुआत के दिनों में शाही लीची के मंजर 15 फीसदी तक झड़ गये, मगर चाइना लीची में शिकायत नहीं आयी है। इस बार तापमान की जो स्थिति है, उससे लग रहा है कि शाही लीची 20 मई की जगह 12 मई से ही पकने लगेगी।
बता दें कि जिले में 12 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि में लीची के बाग हैं। उद्यान विभाग के सहायक निदेशक शंभू प्रसाद ने बताया कि लीची किसानों के लिए विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी कर दी गई है। उसके बाद भी अगर किसी तरह की परेशानी होती है तो किसान विभाग से संपर्क स्थापित कर सहयोग प्राप्त कर सकते हैं।