मुजफ्फरपुर, जासं। मुशहरी के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी संतोष कुमार पर अब निलंबन की तलवार लटक गई है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में निगरानी विभाग की जांच के बाद उन पर कार्रवाई तय हो गई है।
इसके अलावा जिन-जिन डीलरों से प्रतिदिन उनकी वार्ता होती रही है वे भी निशाने पर हैैं। निगरानी सूत्रों के अनुसार एमओ पास इतनी अकूत संपत्ति कहां से आई यह बताना उनकी मजबूरी भी हो गई है। उनके विभिन्न बैैंकों के दर्जनभर खाते फ्रीज करने को पत्र भेजा गया है। उनमें अब किसी तरह का लेन-देन नहीं हो सकेगा।
जनवितरण विक्रेता पर है नजर
निगरानी विभाग की जांच की दिशा अब जनवितरण विक्रेता पर है जो लगातार संतोष कुमार के संपर्क में रहे हैं। विभाग उन्हें भी अप्राथमिकी अभियुक्त बनाने की दिशा में काम कर रहा है। ऐसे डीलरों की सीडीआर निकाला जा रहा है। निगरानी सूत्रों के अनुसार कई शहरों में उनके व परिवार के नाम पर फ्लैट का भी पता चला है। इसमें पटना, उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों सहित दिल्ली भी शामिल है।
जलापूर्ति संबंधी समस्याओं के निष्पादन को निगम में कोषांग का गठन
मुजफ्फरपुर : गर्मी में जलापूर्ति संबंधी समस्याओं के त्वरित निष्पादन के लिए नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने नगर निगम में कोषांग का गठन किया है। कोषांग में जल कार्य शाखा के सहायक सुरेंद्र शर्मा (9708359552) ,पाइपलाइन निरीक्षक सत्येंद्र कुमार (9835009277), धर्मेंद्र कुमार चौधरी (8340285801) एवं भार साधक गरीबनाथ भगत (8789995195) को शामिल किया गया है।
गठित कोषांग में शामिल कर्मचारी एक शिकायत पंजी रखेंगे और पेयजल संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर उसे पंजी में अंकित कर समाधान की त्वरित कार्रवाई कराएंगे। शिकायत एवं कार्रवाई से संबंधित जानकारी से प्रतिदिन नगर आयुक्त को अवगत भी वे कराएंगे।
हर साल गर्मी में पंप के खराब होने, गंदे पानी की आपूर्ति, पाइप लाइन में लीकेज आदि की समस्या बढ़ जाती है। पेयजल आपूर्ति बाधित होने से लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाता था। इसी को देखते हुए नगर आयुक्त ने इस कोषांग का गठन किया है।
जांच तेज होने से डीलरों में बढ़ी बेचैनी
एमओ मुशहरी में दो बार पदस्थापित रहे हैं। इससे पहले भी वह बाजार समिति से भी जुड़े रहे हैं। विभाग जांच कर रहा है कि जो जनवितरण विक्रेता की दुकान रद हो गई है उसकी पीओएस मशीन विभाग को सरेंडर नहीं कराकर उनका आवंटन रद डीलर के नाम पर कैसे चल रहा है। ऐसी करीब चार से पांच दुकानों का नाम जांच में आया है। इसका खाद्यान्न कहां जा रहा था। जांच की गति तेज होने से डीलरों में बेचैनी बढ़ी है कि कही वे भी लपेटे में न आ जाएं।