मुजफ्फरपुर में इन दिनों बाल विवाह के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। रविवार को प्रशासन और पुलिस की सतर्कता से फिर एक 17 वर्षीय किशोरी को ‘बालिका वधु बनने से बचा लिया गया। दरअसल, मामला सकरा थाना क्षेत्र के एक गांव का हैं। किशोरी के माता-पिता ने उसकी शादी तय कर दी थी। रविवार रात उसकी बारात आने वाली थी। पंडाल सजा हुआ था। बारातियों के लिए पकवान बनाये जा रहे थे। घर मे खुशी का माहौल था। इसी दौरान SDO पूर्वी ज्ञान प्रकाश और सकरा थानेदार सरोज कुमार मौके पर दलबल के साथ पहुंचते हैं। खुशियों का माहौल एक पल में अफरातफरी में बदल जाता है। परिजन के चेहरे पर एक डर का माहौल कायम हो जाता है। आसपास के लोग भी दबे पांव वहां से निकलने की जगह खोजने लगते हैं।
काफी देर समझाने के बाद हुए तैयार
SDO पूर्वी और थानेदार किशोरी के परिजन को बुलाकर पूछताछ करते हैं। वे लोग शादी करने की बात बताते हैं। इसपर उन्हें समझाया जाता है। इसकी कुरीतियों और कम उम्र में शादी से लड़की पर क्या कुप्रभाव पड़ता है। इससे अवगत कराया जाता है। इस दौरान गांव के बुद्धिजीवी भी पहुंचते हैं। वे लोग भी प्रशासन की बात में हां में हां मिलाते हैं। काफी देर तक समझाने और कानूनी कार्रवाई की बात कहने पर परिजन शादी नहीं करने के लिए तैयार होते हैं। इसके बाद शादी कैंसल कराकर टीम के अधिकारी वहां से लौटते हैं।
दो महीने से 10 से अधिक शादी रुकवाया
पिछले दो महीने में प्रशासन की सतर्कता के चलते 10 से अधिक किशोरी बालिका वधु बनने से बच गयी है। बोचहां, अहियापुर और सकरा समेत अन्य जगहों पर उक्त कार्रवाई की गई है। बावजूद इसके बाल विवाह के मामले में बढ़ोतरी देखने को मिली है।