पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) के एक ग्रामीण अस्पताल में एक माह में कंट्रैक्टर द्वारा एक करोड़ रुपए का बिल देने और तीन लाख रुपए से अधिक बिरयानी का खर्च दिखाने का मामला सामने आया है.
एक ठेकेदार द्वारा कटवा अनुमंडल अस्पताल (Katwa Subdivisional Hospital) को दिए गए एक करोड़ रुपये के मासिक बिल से अस्पताल के अधिकारियों के साथ-साथ अस्पताल की रोगी कल्याण समिति की भी भौंहें भी तन गई हैं. सबसे दिलचस्प बात यह है कि दवा आपूर्तिकर्ता एजेंसी द्वारा प्रस्तुत बिल में बिरयानी ( Biryani) प्लेटों की आपूर्ति के मद्देनजर 3.20 लाख रुपये का बिल और 82,000 रुपये फर्नीचर का खर्च दिखाया गया है. इस बिल से यह खुलासा हुआ है कि अनुमंडल स्तर के अस्पताल के कर्मी एक महीने में तीन लाख का बिरयानी खा गए हैं.
यही ही नहीं इस अस्पताल के पार्क में पौधारोपण में आए खर्च से संबंधित एक और भारी भरखम बिल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को चौका दिया है. दोनों मामले पूर्व बर्दवान जिले के कटवा अनुमंडल अस्पताल की है.
तीन लाख रुपए से अधिक की बिरयानी डकार गए अस्पताल के कर्मचारी
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार कटवा अनुमंडल अस्पताल का एक महीने में तीन लाख रुपए का बिरयानी का बिल आया है. अस्पताल प्रबंधन ने उक्त बिल पर हस्ताक्षर कर उसे पास भी कर दिया है. उक्त अस्पताल का ऐसा ही एक और कारना सामने आया है. प्रबंधन ने अस्पताल के पार्क में पौधौरोपण पर दो लाख रुपए खर्च करने का बिल पास किया गया है सूत्रों ने बताया कि इस खबर के प्रकाश में आने के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. विभाग की ओर से बिल की जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि उक्त दोनों बिलों पर अस्पताल प्रबंधन के किन अधिकारियों ने हस्ताक्षर किया है.
अस्पताल प्रबंधन ने शुरू की पूरे मामले की जांच
कटवा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ सौभिक आलम ने कहा, “इसके अलावा, काम के आदेश और आपूर्ति जारी करने से कम से कम एक महीने पहले बिल जमा किए गए थे.” उन्होंने कहा, “हमें संदेह होने के बाद, कटवा में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी -2 ने इसकी जांच शुरू की है.” सुबर्णो गोस्वामी, डिप्टी CMOH-2 ने आज कहा, हमने कथित फर्जी बिलों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. हमें ऐसे भ्रामक दावों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा गया है. हम जल्द से जल्द जांच पूरी करने की संभावना रखते हैं.” मामले की जांच के लिए रोगी कल्याण समिति को भी भेजा गया था. समिति के अध्यक्ष कटवा के विधायक रवींद्रनाथ चटर्जी हैं. उन्होंने कहा, “फर्जी आपूर्ति के खिलाफ रसीदों को पहचानने के लिए आधिकारिक टिकटों का इस्तेमाल कैसे किया गया था, इसकी भी जांच की जानी चाहिए और हमें इसके पीछे एक गड़बड़ सौदे का संदेह है.”