खगड़िया का एक किसान इन दिनों सुर्खियों में है। जीएसटी विभाग ने उसे 37.50 लाख रुपया का नोटिस थमा दिया है। नोटिस पढ़कर किसान दंग हो गया। उसका कहना है कि उसे रहने के लिए ठीक-ठाक घर तक नहीं है। उसकी मासिक आय 8 हजार रुपए है। ऐसे में कैसे वह किसी कंपनी का मालिक हो सकता है। उसने खगड़िया DM को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।
मामला खगड़िया जिले के अलौली थाना क्षेत्र के मेघौना गांव का है। किसान की पहचान मेघौना निवासी रतिलाल का 40 वर्षीय पुत्र गिरीश के रूम में हुई। गिरीश ने बताया कि गांव में किसानी और मजदूरी करता हूं। दिन भर मजदूरी करके किसी तरह परिवार के साथ परिवार का भरण-पोषण करता हूं। पिछले 12 साल से बिहार से कहीं बाहर नहीं गया हूं। गांव में ही रहकर जीवन यापन करता हूं। कहा कि मेरा पैन कार्ड का फर्जी तरीके से इस्तेमाल कंपनी बनाकर 37.50 लाख का बकाया कर दिया है।
बता दें कि GST विभाग की इस नोटिस में गिरीश यादव के नाम से राजस्थान के पाली में एक लिमिटेड कंपनी है। गिरीश के टेंपरेरी अकाउंट नंबर यानी टैन के ऊपर साढ़े 37.50 रुपए जीएसटी का बकाया है। इसकी वसूली के लिए ही नोटिस भेजा गया है। पूछने पर गिरीश ने बताया कि कभी राजस्थान मैं गया ही नहीं है। ना ही राजस्थान में किसी को जानता हूं।
मेरे डॉक्युमेंट का गलत इस्तेमाल कर कंपनी बनाया गया है। साइबर ठगों ने किसी ने फर्जी कंपनी खोली और लाखों की टैक्स चोरी को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि बीते 17 अगस्त को पोस्ट आफिस के माध्यम से नोटिस मिला था। उसके बाद अलौली थाना में भी शिकायत करने गए, लेकिन थानाध्यक्ष नहीं थे। उसके घटना की जानकारी 20 अगस्त को डीएम आलोक रंजन घोष को आवेदन देकर शिकायत किया गया।