Patna : पटना मेट्रो रेल डिपो के निर्माण के लिये भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अब शुरू होगी। पहाड़ी और रानीपुर मौजा में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। दोनों गांव पटना सदर जोन में हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने 75.945 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। भूमि अधिग्रहण निदेशालय जल्द ही इसकी प्रारंभिक अधिसूचना जारी करेगा।
दिसंबर महीने तक यह योजना पूरी हो जानी चाहिये और मेट्रो को 76 एकड़ जमीन उपलब्ध हो जायेगी। भू-अर्जन अधिनियम के तहत राजपत्र, समाचार पत्र, स्थानीय निकायों के सूचना पट्ट और सरकारी वेबसाइट पर इसे प्रकाशित कराया जायेगा। दरअसल 50 एकड़ से कम भूमि के अधिग्रहण की मंजूरी डीएम द्वारा, जबकि उससे अधिक की मंत्री स्तर से दी जाती है। पटना सदर अंचल के पहाड़ी और रानीपुर मौजा में जमीन अधिग्रहण होना है। पहाड़ी में 50.59 एकड़ और रानीपुर में 25.35 एकड़ जमीन की जरूरत है।
पटना मेट्रो बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। जमीन अधिग्रहण की स्वीकृति ने इसके शीघ्र शुभारंभ का मार्ग प्रशस्त किया है। मंत्री ने कहा कि भू-अर्जन का काम सरकार की प्राथमिकता में है। ज्यादा जरूरी परियोजनाओं को व्यक्तिगत रुचि लेकर निष्पादित किया जाता है ताकि भू-अर्जन की वजह से किसी परियोजना में विलंब नहीं हो।
इस भूअर्जन प्रक्रिया के तहत जैतीया, राबीयाचक, भेड़गावा, वाजीदपुर, बघबर, बहरामपुर, बिजपुरा, छाती, नसरतपुर, टरवा, पिपरावां और पभेड़ा में भू-अर्जन किया जाना है।
रोहतास और कैमूर जिले के 26 मौजों में चकबंदी का काम पूरा कर लिया गया है। इन मौजों में चकबंदी का काम डीनोटिफाई कर दिया गया है। सरकार को इसे अधिसूचित करने का अधिकार है, जो मंत्री में निहित है। डीनोटीफिकेशन के साथ ही इन मौज के खटिया और मानचित्र संबंधित जोन को सौंपे जाएंगे और अब से उन जोनों का काम चकबंदी खटियान और मानचित्र के आधार पर किया जायेगा।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने रोहतास जिले में 22 मौज के चकबंदी को गुरुवार को समाप्त करने की घोषणा की है। इससे पूर्व सभी 28 स्थानों पर जहां चकबंदी का कार्य पूरा हुआ था, वहां उप निदेशक, चकबंदी, रोहतास द्वारा गहन जांच की गई।
चकबंदी अधिनियम की धारा 26 के अनुसार 6 प्रकरणों में सुनवाई पूर्ण न होने तथा दो प्रकरणों में कब्जा न होने के कारण केवल 22 राजस्व ग्रामों को ही अधिसूचित किया गया है। मंत्री राम सूरत राय ने कहा कि भूमि अधिग्रहण का काम सरकार की प्राथमिकता में है। अधिकांश आवश्यक परियोजनाओं को उनके द्वारा व्यक्तिगत हित में क्रियान्वित किया जाता है ताकि भूमि अधिग्रहण के कारण किसी भी परियोजना में देरी न हो।
Input: Daily Bihar