महिला सिपाही बनी डीएसपी, गर्भावस्था में दिया था मेंस का पेपर… तीसरे प्रयास में मारी बाजी

बेगूसराय में कार्यरत एक महिला सिपाही अपने कठिन लगन और मेहनत से डीएसपी बन गई है। सिपाही पद पर अपनी ड्यूटी, बच्ची का लालन पालन, परिवार की जिम्मेवारी और वर्दी की जिम्मेदारी के बीच अपनी मेहनत और जुनून के बल पर सभी बाधाओं को पार कर सिपाही बबली कुमारी ने इतिहास रच दिया है। बेगूसराय जिला बल की सिपाही बबली कुमारी का जीवन संघर्ष से भरा हुआ है। बबली कुमारी ने तीसरे प्रयास में बीपीएससी क्रेक कर डीएसपी बनने में सफलता पाई है। जो बिहार पुलिस और बेगूसराय पुलिस लाइन के अन्य सिपाहियों और अधिकारियों के लिए भी नजीर बन गया है।

बबली ने कहा– प्रण कर लेने से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। बबली ने कामकाजी महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि जब मैं कर सकती हूं तो कोई भी कर सकता है। राजगीर प्रशिक्षण केंद्र के लिए विरमित करने के पूर्व एसपी योगेंद्र कुमार ने बबली को सम्मानित किया। बोधगया के भागलपुर निवासी रोहित कुमार की पत्नी बबली ने 2015 में खगड़िया में बतौर कांस्टेबल सेवा की शुरुआत की थी। वर्तमान में वह पुलिस लाइन बेगूसराय में पदस्थापित हैं।

“मन में आना चाहिए कि कुछ करना है तो लक्ष्य हासिल करना आसान हो जाता है। बबली को 7 माह की पुत्री आरवी है। उनकी शादी साल 2013 में रोहित कुमार से हुई थी। बबली ने बताया कि उसकी इच्छा थी कि वह बड़ी अधिकारी बने। इसमें उसके पति, ससुरालवालों और मायका का भरपूर सहयोग मिला। जब भी उसे मौका मिलता था, वह पढ़ती थी। 3 प्रयास में उसने बीपीएससी की परीक्षा पास कर ली। जब बबली ने मेंस का एग्जाम दिया था, वो 6 माह की गर्भवती थी।”

बबली के अनुसार, ड्यूटी के साथ पीटी की तैयारी करने के दौरान मेंस क्लियर नहीं हो रहा था। पढ़ाई भी करना और ड्यूटी भी करना काफी कठिन हो रहा था तो मैं कुछ दिनों के लिए पटना चली गई। पटना में रहकर मैंने तैयारी की। बबली ने कहा- ‘कोई भी करना चाहे, आगे बढ़ना चाहे तो बढ़ सकता है। जब मैं कर सकती हूं तो कोई भी कर सकता है।’

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