भागलपुर के दो युवा, बीए पास चिकेन स्टॉल लगाकर हर महीने 3 लाख का कारोबार कर रहे हैं। उनके स्टॉल पर हर दिन तकरीबन 100 से 150 लोग खाना खाते हैं। अपने स्टॉल पर ऐसे लोगो को काम पर रखा है,जिन्हे रोजगार की सख्त जरूरत थी।
आत्मनिर्भर भारत को सच बनाने का सपना लिए भागलपुर के दो युवा, बीए पास चिकेन स्टॉल लगाकर हर महीने 3 लाख का कारोबार कर रहे हैं।
कहानी आज से कई साल पहले ही शुरू हो गई थी। जब दो दोस्त आनंद कुमार (25) और शुभम आनंद (25) ने स्कूल में पढ़ाई करने के दौरान ही ये ठान लिया था कि बड़े होकर साथ में खुद का बिजनेस स्टार्ट करना है।
दोनों बड़े होते है। आनंद पढ़ाई करने दिल्ली यूनिवर्सिटी जाता है तो दूसरा दोस्त शुभम भागलपुर के तिलकामांझी विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद फिर एक साथ आते है। फिर घर से परिपूर्ण होने के बावजूद वे लोग अपने घर से आर्थिक मदद नहीं लेते है।
60 हजार रुपये लोन लेकर दोनों भागलपुर में BA पास चिकेन चावल का स्टॉल पहले ठेले पर लगाते हैं। फिर बाद में जेएलएनएमसीएच के सामने स्थाई स्टॉल लगाते है। आलम ये है कि उनके स्टॉल पर हर दिन तकरीबन 100 से 150 लोग खाना खाते हैं।
दिल्ली के कचौड़ी वाले से मिली प्रेरणा
आनंद बताते है कि जब वो दिल्ली में पढ़ाई कर रहे थे। उनके कॉलेज के सामने एक डोमिनोज पिज्जा का शॉप था, तो ठीक उसके नीचे 30 रुपए में भर पेट कचोरी सब्जी खिलाने वाला स्टॉल।
आनंद ने देखा कि उसके स्टॉल पर काफी लोगो की भिड़ रहती थी, आनंद ने सोचा कि वो भी चिकेन चावल का स्टॉल लगायेंगे,ताकि लोग काम पैसों में लोग भर पेट खाना खा सके।
प्रति थाली 70 रुपए, गरीबों के लिए ये सुविधा
शुभम कहते हैं कि उनके स्टॉल पर 70 रुपए में दो पीस चिकेन और चावल की थाली आती है। लेकिन अगर कोई गरीब भी खाना खाने आता है तो उसे भी 40 रुपए में खिलाते है। हालांकि चिकेन और चावल के क्वांटिटी में कमी की जाती है।
शुभम कहते है कि उनके यहां अमीर गरीब सब तरह के लोग खाना खाने आते है। शुभम ने कहा कि उनके स्टॉल में खाने की हाइजीन का खास ख्याल रखा जाता है,ताकि लोगो के स्वाद के साथ साथ सेहत का भी ख्याल रखा जा सके।
5 महीने में 15 लाख का कारोबार
आनंद ने बताया कि उन्होंने मार्च के महीने में ठेले से बीए पास चिकन चावल की शुरुआत की थी। तब वे ठेले से शहर में घूम घूम कर दुकानदारों को खिलाते थे।
लेकिन फिर उन्होंने भागलपुर के जेएलएनएमसीएच के गेट के ठीक सामने स्थाई स्टॉल लगाने की सोची। धीरे धीरे कस्टमर भी जाम गए।
अब रोजाना उनके दुकान पर 100 से 150 लोग खाना खाते है। रोजाना 10 से 12 हजार का कारोबार होता है। इस हिसाब से महीने का 3 लाख का कारोबार कर रहे हैं।
आनंद ने बताया कि पिछले 5 महीने में हमलोग ने लगभग 15 लाख का कारोबार किया है। कमाई के पैसों से हम अपने स्टॉल को बढ़ा रहे हैं। नए नए इक्यूमेंट्स जोड़ रहे है।
जरूरतममंद को रोजगार,सरकार से मदद की गुहार
आनंद और शुभम दोनो ने बताया कि उन्होंने अपने स्टॉल पर ऐसे लोगो को काम पर रखा है,जिन्हे रोजगार की सख्त जरूरत थी। उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
वे सरकार से अपने स्टॉल को और ज्यादा बढाने के लिए मदद चाहते है। उनका कहना है कि हम पूरे बिहार में लगभग 50 स्टॉल लगाना चाहते है। ताकि कम से कम 200 लोगो को रोजगार दे सके।
स्वाद चखने आए तेजस्वी और तेज प्रताप
शुभम और आनंद की इच्छा है कि उनके स्टॉल पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और मंत्री तेज प्रताप यादव आए। उनके स्टॉल पर चिकन चावल का स्वाद चखे।