बिहार को 8 वर्षों में हवा, सूरज और पानी से मिलेगी आधी बिजली, जानिए क्या है ग्रीन एनर्जी ब्लूप्रिंट

ऊर्जा मंत्रालय द्वारा निर्धारित आरपीओ के तहत बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने ग्रीन ऊर्जा को लेकर लक्ष्य निर्धारित किया है। फिलहाल इसका ड्राफ्ट तैयार कर आयोग की वेबसाइट पर डाला गया है, ताकि उस पर आम लोगों की राय, सुझाव या आपत्तियां ली जा सके।

अगले आठ साल में राज्य को मिलने वाली वाली कुल बिजली का लगभग आधा हिस्सा सौर (सोलर), हवा (विंड) और पानी (हाइड्रो) से मिलेगा।

दरअसल, केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक ग्रीन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए हर तरह के उपाय कर रही है। ऊर्जा मंत्रालय द्वारा निर्धारित आरपीओ के तहत बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने ग्रीन ऊर्जा को लेकर लक्ष्य निर्धारित किया है।

फिलहाल इसका ड्राफ्ट तैयार कर आयोग की वेबसाइट पर डाला गया है, ताकि उस पर आम लोगों की राय, सुझाव या आपत्तियां ली जा सके।

850 गुणा तक बढ़ानी होगी हवा- जल स्त्रोतों से बिजली

आयोग ने सौर, हवा और जल स्रोतों से बिजली प्राप्त करने के लिए अलगअलग लक्ष्य निर्धारित किया है। अगले वित्तीय वर्ष तक कम से कम 23.5 फीसदी सौर ऊर्जाका लक्ष्य हासिल करना है।

Electricity from wind-water sources will have to be increased up to 850 times
850 गुणा तक बढ़ानी होगी हवा- जल स्त्रोतों से बिजली

वहीं, 2030 तक सौर ऊर्जा से मिलने वाली बिजली की खपत लगभग डेढ़ गुणा अधिक बढ़ा कर 33.5 फीसदी करनी होगी। इसी तरह हवा और जल स्रोतों से मिलने वाली बिजली 850 गुणा तक बढ़ानी होगी।

बिजली कंपनियों के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती होगी। बिजली कंपनियों को हर साल आयोग को दो बार स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी कि उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा (ग्रीन ऊर्जा) के विभिन्न स्रोतों के वार्षिक निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले कितनी बिजली प्राप्त कर ली हैं।

हर साल बढ़ाने होंगे ग्रीन एनर्जी के स्रोत

वर्तमान में बिजली कंपनियों को कुल वार्षिक बिजली खपत का 17 फीसदी ग्रीन एनर्जी से लेना जरूरी है। मगर संसाधन नहीं होने की वजह से इस लक्ष्य की भी पूर्ति नहीं हो पा रही।

By 2029-30, at least 43.33 percent of the total consumption will have to come from green energy.
2029-30 तक कम से कम कुल खपत का 43.33 फीसदी ग्रीन एनर्जी से प्राप्त करना होगा

आगे के लक्ष्यों के मुताबिक हर साल ग्रीन ऊर्जा के स्रोत बढ़ाने होंगे। 2029-30 तक कम से कम कुल खपत का 43.33 फीसदी ग्रीन एनर्जी से प्राप्त करना होगा।

कितना रखा है प्रत्येक साल का लक्ष्य?

वर्ष विंड हाइड्रो सोलर कुल पावर पावर सहित अन्य लक्ष्य

2022-23 0.81% 0.35% 23.44% 24.61%

2023-24 1.60% 0.66% 24.81% 27.08%

2024-25 2.46% 1.08% 26.37% 29.91%

2025-26 3.36% 1.48% 28.17% 33.01%

2026-27 4.29% 1.80% 29.86% 35.95%

2027-28 5.23% 2.15% 31.43% 38.81%

2028-29 6.16% 2.51% 32.69% 41.36%

2029-30 6.94% 2.82% 33.57% 43.33%

8213 मिलियन यूनिट बढ़ेगी खपत

राज्य में करीब 1.78 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं, जिन पर 37331 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हो रही है। 2024-25 तक इन उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ा कर 1.90 करोड़ और बिजली खपत 45.5 मिलियन यूनिट होने का अनुमान है।

इसके मुताबिक बिहार में अगले तीन सालों में 11.76 लाख से अधिक नये बिजली उपभोक्ता बनेंगे। बिजली की खपत भी 8213 मिलियन यूनिट बढ़ जायेगी।

ग्रीन एनर्जी को लेकर शर्तें की गयीं निर्धारित

विनियामक आयोग ने ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य शर्तों के साथ निर्धारित किया है। इसके मुताबिक विंड पावर (हवा से उत्पादित होने वाली बिजली) के नये लक्ष्य में केवल पवन ऊर्जा से संबंधित उन्हीं परियोजनाओं को शामिल किया जायेगा।

जिनकी कमिशनिंग 31 मार्च 2022 के बाद हुई हो। इसी तरह, जल स्रोतों में केवल उन्हीं हाइड्रोलिक प्रोजेक्ट से उत्पादित बिजली को शामिल किया जायेगा, जिनकी कमिशनिंग आठ मार्च 2019 के बाद हुई हो।

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