बिहार में गंगा के तटीय इलाके बाढ़ का सामना कर रहे हैं। बिहार में गंगा बक्सर से लेकर पटना तक खतरे के निशान को पार कर चुकी है। चिंता की बात है कि जलस्तर में वृद्धि का क्रम अब तक जारी है, हालांकि इसकी रफ्तार जरूर कम हो गई है। बक्सर में रविवार तक गंगा प्रति घंटे एक सेंटीमीटर तक बढ़ रही है। संभावना जताई जा रही है कि गंगा के जलस्तर में अगले तीन दिनों तक वृद्धि जारी रहेगी। जलस्तर में वृद्धि का क्रम बक्सर से थमना शुरू होगा और धीरे-धीरे इसका असर भागलपुर तक दिखेगा। उत्तर प्रदेश के शहरों प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी और गाजीपुर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम अब थमने लगा है।
रविवार तक पटना सहित आसपास के जिले में प्रति दो घंटे में औसत डेढ़ सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ रहा था। 30 अगस्त तक गंगा के तटीय क्षेत्र में गंभीर स्थित की चेतावनी जारी की गई है। पटना, बक्सर, सारण, वैशाली, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर में बीते 24 घंटे के दौरान गंगा का जलस्तर में औसत 17 सेंटीमीटर वृद्धि दर्ज की गई है।
केंद्रीय जल आयोग ने बिहार में बक्सर से कहलगांव तक गंगा के तटीय क्षेत्र के लिए आरेंज अलर्ट जारी है। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पटना के दीघा घाट को छोड़कर सभी जगहों पर गंगा खतरे के निशान से उपर बह रही है। मनेर में गंगा की जलस्तर खतरे के निशान से 32 सेंटीमीटर उपर पहुंच गया है। गांधी घाट पर 62 सेंटीमीटर, फतुहा में 65 सेंटीमीटर और हाथीदह में खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर उपर पहुंच गया है। दीघा घाट पर रविवार को गंगा खतरे के निशान से मात्र छह सेंटीमीटर नीचे बह रही थी।
गंगा का जलस्तर
- घाट – खतरे का निशान – जलस्तर
- बक्सर – 60.32 – 60.45
- मनेर – 52.00 – 52.32
- दीघा घाट – 50.45 – 50.39
- गांधी घाट – 48.60 – 49.22
- फतुहा – 47.00 – 47.65
- हाथीदह – 41.76 – 42.33
जिला प्रशासन बचाव-राहत के लिए अलर्ट
गंगा के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने मनेर, दानापुर, पटना सदर, फतुहा, बख्तियारपुर से लेकर मोकामा तक सभी पदाधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर ङ्क्षसह ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक बचाव-राहत कार्य के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। बताया गया दियारा क्षेत्र में बाढ़ से घिरने की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सरकारी और निजी नाव के अलावा खाद्य सामग्री और पशुचारा का प्रबंध कर लिया गया है।