बिहार में दाखिल खारिज के नियम में बड़ा बदलाव, आम लोगों के सहुलियत लिए सरकार की कवायद शुरू

बिहार में जमीन से संबंधित मामलों की संख्या सबसे अधिक है। इन्हीं मामलों के वजह से राज्य में अपराध से जुड़े मामलों की संख्या भी सबसे ज्यादा है। मालूम हो कि इन दिनों राज्य में जमीन सर्वे का काम जारी है। सरकार का कहना है कि इससे राज्य में जमीन से संबंधित मामलों की संख्या में कमी आएगी और लोगों के जमीन का नापी भी हो जाएगा। जमीन में आपत्ति तथा गैरआपत्ति वाले मामलों का अलग से निपटारा किया जाना है। इसके लिए भूमि सुधार विभाग ने राज्य के सभी अंचलों को निर्देश दिया है।

बिहार में अब दाखिल खारिज से संबंधित नियमों में बदलाव किया गया है‌ आपत्ति और गैर आपत्ति वाले मामलों की अलग से लिस्ट बनाई जाएगी। कहा जा रहा है कि मामले को एक साथ निपाटरा करने पर दाखिल खारिज प्रक्रिया पूरी तरह से धीरी हो जाती थी। निपटारा करने के चक्कर में डीसीएलआर के साथ ही अंचलाधिकारी बगैर जांच के ही अधिकतर मामलों को रद्द कर देते हैं। इन सभी दिक्कतों को दूर करने के लिए भूमि सुधार विभाग ने आपत्ति और बगैर आपत्ति वाले मामलों को अलग से मिटाने की बात कही है।

बता दें कि दाखिल खारिज को और भी सुलभ बनाने के लिए सेवा के अधिकार नियम के तहत ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की गई है। ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के पश्चात तकरीबन 60 फीसद मामलों का निपटारा निर्धारित समय पर नहीं हो रहा है। इन्हीं चीजों को देखते हुए आपत्ति और गैर आपत्ति वाले मामले का निपटारा किया जाना है। दाखिल खारिज नहीं होने की शिकायतें हमेशा राजस्व भूमि सुधार विभाग को मिलती रहती है। दाखिल खारिज करवाने के लिए लोगों को सरकारी अधिकारियों के यहां चक्कर काटना पड़ता है।

मालूम हो कि बिहार सरकार जमीन से संबंधित मामलों को लेकर निरंतर काम कर रही है। ऐसे में उम्मीद है कि आगामी दिनों में जमीन से संबंधित मामले को कम किया जा सके जिससे आम जनों के बीच में जमीन से संबंधित मामले हैं उन्हें कम किया जा सके‌‌। राज्य सरकार निरंतर जमीन से संबंधित कामों का निष्पादन करने की बात कह रही है। ऐसे में अब यह देखना है कि विभाग का यह कोशिश कितनी जल्दी रंग लाती है जिससे आम लोगों को इसका फायदा मिल सके।

Share This Article.....

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *