अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के लिए हाई स्पीड रेल कारिडोर में 21 किमी लंबी सुरंग बनाई जाएगी। सुरंग का सात किमी हिस्सा समुद्र के अंदर होगा। समुद्र के अंदर बनाई जाने वाली यह पहली सुरंग बताई जा रही है। बुलेट ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलेगी।
बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स व शिलफाटा में भूमिगत स्टेशनों के बीच होगी सुरंग
भारतीय रेल मंत्रालय के मुताबिक हाईस्पीड रेल कारिडोर का समुद्र के अंदर बनाए जाने वाली सुरंग का यह हिस्सा महाराष्ट्र के बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स और शिलफाटा स्टेशनों के बीच होगा। बुलेट ट्रेन के लिए तैयार होने वाली इस रेलवे लाइन के लिए एक ही ट्यूब सुरंग होगी, जिसमें अप और डाउन ट्रैकों को समायोजित किया जाएगा।
पैकेज के इस हिस्से में सुरंग वाले स्थान के आसपास 37 स्थानों पर 39 उपकरण कमरों का भी निर्माण किया जाएगा।
सुरंग के निर्माण के लिए
रेलवे के मुताबिक इस सुरंग के निर्माण के लिए 13.1 मीटर व्यास के कटर हेड वाले टीबीएम का इस्तेमाल किया जाएगा। आमतौर पर मेट्रो प्रणाली में उपयोग की जाने वाली शहरी सुरंगों के लिए पांच से छह मीटर व्यास का कटर हेड उपयोग में लाया जाता है। सुरंग के लगभग 16 किमी हिस्से को बनाने के लिए तीन टनल बोरिंग मशीनों का उपयोग किया जाएगा। बाकी पांच किमी सुरंग के लिए न्यून आस्टि्रयाई टनलिंग प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।
हाई स्पीड से जुड़े अधिकारियों के अनुसार-
यह सुरंग जमीन से लगभग 25 से 65 मीटर गहरी होगी। सबसे अधिक गहराई शिलफाटा के पास पारसिक पहाड़ी से नीचे 114 मीटर गहरी होगी। हाई स्पीड से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक विक्रोली और सावली में सुरंग की गहराई 36, 56 और 39 मीटर होगी। घनसोली में 42 मीटर का झुका हुआ शाफ्ट और शिलफाटा में टनल पोर्टल एनएटीएम टनलिंग विधि के माध्यम से लगभग पांच किमी सुरंग का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के विभिन्न कार्यों के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है, जिसकी अंतिम तारीख 20 अक्टूबर, 2022 निर्धारित है। सुरंग वाला यह हिस्सा बुलेट ट्रेन के रास्ते का सबसे अहम माना जा रहा है।
INPUT: JAGRAN