बिहार के नवादा की बेटी ने अपनी उपलब्धि से अपने परिवार और जिले का मान बढ़ाया है. जिले के नारदीगंज पड़रिया गांव की निवासी अर्चना कुमारी ने देश के सबसे कठिन समझे जाने वाले सिविल सर्विस परीक्षा में 110वीं रैंक हासिल की है. अर्चना ने अपने तीसरे प्रयास में यह कामयाबी प्राप्त की है. उन्होंने यूपीएससी के द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज परीक्षा 2020 में 110वीं रैंक हासिल कर सबको गौरवान्वित किया है.शुक्रवार को रिजल्ट जारी होने के बाद अर्चना के परिजनों और शुभचिंतकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. अर्चना को बधाई देने के लिए लोगों का तांता लग गया. इससे पूर्व भी अर्चना कुमारी ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा को पास किया था मगर इस बार के नतीजों में उनकी रैंकिंग सर्वश्रेष्ठ रही. 2019 में इंडियन इकोनॉमिक्स सर्विस की परीक्षा में अर्चना की 16वीं रैंक थी, और वो कृषि मंत्रालय में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत हुईं थी.
उन्होंने बताया कि उनकी दसवीं तक की शिक्षा राजगीर के सरस्वती विद्या मंदिर से हुई. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के डीपीएस आर.के पुरम से 11वीं और 12वीं की परीक्षा पास की. फिर उन्होंने दिल्ली के ही प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वूमेन से अर्थशास्त्र विषय से ग्रैजुएशन किया. जिसके बाद जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से अर्थशास्त्र विषय में स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रैजुएशन) उत्तीर्ण की.
अर्चना के पिता राजेंद्र प्रसाद मध्य विद्यालय डोहरा से प्रधानाध्यापक पद से रिटायर हुए हैं. अर्चना की मां पार्वती देवी का स्वर्गवास हो चुका है. वो बचपन से ही पढ़ने-लिखने में मेधावी और लगनशील रही हैं. उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए एकाग्रता व धैर्य के साथ-साथ मेहनती और लग्नशील होना बहुत जरूरी है. वो अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता और बहन के अलावा गुरुजनों और इष्ट मित्रों को देती हैं. अर्चना की इस सफलता और उपलब्धि से पूरा गांव और उनका प्रखंड गौरान्वित महसूस कर रहा है
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