पटना : बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो चुकी है पहले चरण का मतदान खत्म हो चुका है और मतगणना समाप्त हो चुका है लेकिन जो चुनाव परिणाम आए हैं वह काफी चौंकाने वाले हैं जनता नहीं जो अपना फैसला सुनाया है उसमें 80% पुराने मुखिया चुनाव हार चुके हैं पंचायत चुनाव के नतीजे ये बताने के लिए काफी है कि लोग मुखिया के काम से संतुष्ट नहीं हैं. उनके पांच वर्षों के कामकाज और तौर-तरीके को लेकर जनता में बहुत नाराजगी है.
जानकारी हो कि पहले चरण में दस जिलों के 12 प्रखंडों की 151 पंचायतों के चुनाव परिणाम आने लगे हैं. करीब 80 फीसद निर्वतमान मुखिया को एंटी इनकंबैसी का सामना करना पड़ा है। अभी तक मुखिया पद के 85 पंचायतों के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं, जिनमें 67 मुखिया दोबारा जीतकर नहीं आ पाएं। सिर्फ 18 लोग दुबारा चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं.पहले चरण की जिन 151 पंचायतों में मतदान हुए थे, उनमें 109 पंचायतों के विभिन्न पदों एवं 82 पंच-सरपंच के पदों के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं.जहानाबाद जिले की 11 पंचायतों में से किसी भी मुखिया को जीत नसीब नहीं हुई है.
जाहिर है आगे के चरणों के चुनाव में किस्मत आजमा रहे निर्वतमान मुखिया को सतर्क हो जाने की जरूरत है. अन्य पदों के लिए हुए चुनाव के परिणाम भी कमोबेश ऐसे ही आ रहे हैं. आगे के चरणों के लिए सासाराम जिले के नतीजे से वैसे प्रत्याशियों को थोड़ा सुकून मिल सकता है, जो पांच वर्ष पहले निर्वाचित हुए थे और इस बार भी मैदान में है. यहां देर रात तक चार पंचायतों के नतीजे घोषित कर दिए गए थे, जिनमें से सिर्फ एक मुखिया को हार का सामना करना पड़ा है. बाकी तीन को जीत नसीब हुई है।
Input: DTW24