पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल सिर्फ देश का ही नहीं बल्कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हॉस्पिटल बन जायेगा। 5540 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस हॉस्पिटल में 5462 बेड होंगे। दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल वर्तमान में ताइवान में चांग गंग मेमोरियल अस्पताल है। इसकी क्षमता 10 हजार बेड की है। पीएमसीएच में फिलहाल कोविड वार्ड समेत करीब 1800 बेड की क्षमता है। अगले सात साल में पीएमसीएच में 5462 बिस्तरों वाला अस्पताल पूरी तरह बनकर तैयार हो जायेगा। इसे तीन चरणों में बनाया जायेगा। पहले चरण में अगले तीन साल (2024) में 2073 बिस्तरों वाला अस्पताल बनकर तैयार हो जायेगा। यह सात मंजिला होगा। दूसरे और तीसरे चरण में अन्य विभागों का गठन किया जायेगा। इसमें एक छत के नीचे मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग हॉस्टल, डॉक्टर चैंबर, क्लास रूम, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड से लेकर एमआरआई, ब्लड बैंक आदि सभी जांच और पैथोलॉजी सुविधाएं होंगी।
दरभंगा में निर्माणाधीन सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल की पूर्व निर्धारित समय सीमा एक बार फिर 30 September से बढ़ाकर "31 October" कर दी गई। मेरा दावा है कि हम अपने आने वाले पोस्ट में यह सीमा बढ़ा कर 30 November दिखाएंगे। मुझे इनकी अक्षमता पर पूर भरोसा है। 1 महीना 0% काम हुआ (81.16% अटका) https://t.co/1MJfP45rSz pic.twitter.com/4hkhtdaX2e
— Bishnu K Jha (@bisnujha) September 10, 2021
✅PMCH पटना में मिलेंगी इलाज की विश्वस्तरीय सुविधाएं
✅सभी विवि में पढ़ाए जाएंगे जेपी और लोहिया के विचार
✅प्रखंडों में कृषि संबंधी सभी कार्य एकल खिड़की से होंगे
✅सभी पर्यटन क्षेत्रों को आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा#Bihar #NewBihar @NitishKumar pic.twitter.com/L9q0TWjqKW
— Pawan Kumar (@PawankumarJdu) September 10, 2021
इसकी आधारशिला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फरवरी में रखी थी। मौके पर उन्होंने निर्माण एजेंसी से इसे सात साल के बजाय पांच साल में पूरा करने का भी अनुरोध किया था। नये भवन में कुल 36 सुपर स्पेशियलिटी भवन काम करेंगे। अभी उनमें से आठ हैं। 1925 में स्थापित, पीएमसीएच देश के सबसे पुराने अस्पतालों में से एक है। इतना ही नहीं यह भारत का सबसे पुराना कैंसर संस्थान भी है। पूरी बिल्डिंग को ऑटोमैटिक फायर फाइटिंग सिस्टम, मेडिकल गैस पाइपलाइन, पावर सब स्टेशन, अंडरग्राउंड सीवरेज सिस्टम, वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम से लैस किया जायेगा।
करीब पांच हजार वाहनों की पार्किंग की भी व्यवस्था की जायेगी। प्राचार्य डॉ. बीपी चौधरी ने बताया कि एलएनटी को बीएमएसआईसीएल की देखरेख में इसके निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। कंपनी ने पहले चरण को जनवरी 2024 में स्थानांतरित करने की बात कही है। पीएमसीएच के नए भवन के बनने से यहां मरीजों को इलाज के लिए कई नई सुविधाएं मिलेंगी. यहां कुल 28 नए विभाग खुलेंगे, जिनमें से कई ऐसे विभाग हैं जो फिलहाल पीएमसीएच में काम नहीं कर रहे हैं। इसमें अंग प्रत्यारोपण, मिनिमली इनवेसिव सर्जरी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, जेरियाट्रिक, अलग 265 बेड के साथ सामान्य आईसीयू आदि शामिल हैं।
पहली बार यहां किडनी, लीवर आदि अंगों का प्रत्यारोपण शुरू होगा। यह सुविधा पहले चरण के निर्माण के बाद ही मिलेगी। इस यूनिट में 55 बेड होंगे। इसके अलावा 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए एक अलग जराचिकित्सा विभाग खोल रहा है। इसमें बुजुर्ग नागरिकों के इलाज की अलग से व्यवस्था होगी। इसमें कुल 72 बेड होंगे। मिनिमल इनवेसिव सर्जरी एक तरह का लैप्रोस्कोपिक और अन्य आधुनिक सर्जरी विभाग होगा, जहां गॉल ब्लैडर, हॉर्निया, हाइड्रोसील, किडनी स्टोन जैसी सर्जरी बिना विच्छेदन के टेलीस्कोपिक विधि से की जा सकती है।
ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग एक तरह का ब्लड बैंक और ब्लड ट्रांसफ्यूजन यूनिट होगा, जहां न सिर्फ ब्लड ट्रांसफ्यूजन बल्कि नए शोध आदि भी किये जायेंगे। इसमें 265 बेड की क्षमता वाला एक अलग जनरल आईसीयू भी होगा। यह 11 विभागों के 939 आईसीयू बेड के अतिरिक्त होगा। इतना ही नहीं, पहले चरण के पूरा होने के बाद 200 के बजाय 250 एमबीबीएस सीटों के लिए नामांकन की सुविधा होगी।
Input: Live Bihar