जानवरों और पेड़ों को बचाने के लिए बीकानेर में 40 किलोमीटर की एक लंबी दीवार बनाई जा रही है. खास बात ये है कि यह दीवार राज्य या केंद्र सरकार के सहयोग के बिना बनाई जा रही है. करीब पांच करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली इस दीवार को बनाने का जिम्मा पर्यावरण प्रेमी बृजनारायण किराडू ने अपने कंधों पर उठा रखा है.
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार किराडू वन्य जीवों और पशुओं को समर्पित एक गुमनाम सेंचुरी को सुरक्षित करने के लिए पांच करोड़ रुपए जन सहयोग से जुटाने में लगे हुए हैं. किराडू लंबे समय से अपने क्षेत्र के जानवरों और पेड़ों को बचाने में सक्रिय हैं. उन्होंने दर्जनों बार भूमाफियों से झगड़े किए, कई अदालती मामलों में गवाही दी. एक लंबे संघर्ष के बाद उन्हें सफलता मिलती नज़र आ रही है.
उनकी अगुवाई में करीब 40 किलोमीटर लंबी जो दीवार बन रही है वो बीकानेर शहर के मुरलीधर व्यास नगर से सटे जैसलमेर की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के एक तरफ नज़र आएगी.
बाताया जा रहा है कि इस दीवार के बन जाने के बाद करीब तीन लाख खेजड़ी के पेड़, चार हजार गायें, एक हजार नील गायें, पांच हजार हिरण, चार हजार खरगोश और असंख्य सांप और चूहों को सुरक्षा मिलेगी. गौरतलब हो कि राजस्थान में ‘ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया’ के नाम से एक बड़ी दीवार पहले से मौजूद है. ये एक वर्ल्ड हेरिटेज साइट है और चाइना की ग्रेट वाल ऑफ चाइना के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर आती है. इसकी लंबाई 36 किमी है.
input: Indiatimes