एस. अस्वती के पिता तिरुवनंतपुरम में एक कंस्ट्रक्शन लेबर हैं. मुश्किल से घर चलता है. तमाम तरह की आर्थिक और पारिवारिक चुनौतियां हैं. लेकिन, एस. अस्वती ने यूपीएससी क्वालिफाई करने का जो सपना देखा, उससे पीछे नहीं हटीं और इस बार वह क्वालिफाई कर लीं. उन्हें 481वां रैंक मिला है.
वह कहती हैं, मैं खुश हूं कि मैंने परीक्षा पास कर ली है. मुझे इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) मिल सकता है. लेकिन, मेरा सपना आईएएस अफसर बनने का है. ऐसे में मैं आने वाले यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही हूं.
27 साल की अस्वती जब क्लास-8 में थीं तभी आईएएस बनने का सपना देख ली थीं. 12वीं के बाद वह इंजीनियरिंग कीं और गवर्नमेंट बार्टन हिल इंजीनियरिंग कॉलेज से पास होने के बाद उनका सिलेक्शन TCS कोच्चि में साल 2015 में हो गया.
लेकिन, उनके मन आईएएस बनने का सपना बरकरार था. साल 2017 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से सिविल सर्विस की तैयारी में लग गईं. वह केरल स्टेट सिविल सर्विसेज एकेडमी में पढ़ने लगीं और इसके बाद तिरुवनंतपुरम में कुछ प्राइवेट एकेडमी में भी तैयारी करने लगीं.
Input: indiatimes