बिहार के छपरा-मढ़ौरा रेल कारखाने में बनेगा 1000 इंजन, अमेरिकी कंपनी से डील हुआ फाइनल

जीई कंपनी के साथ रेलवे का 11 साल का हुआ है करार, उच्च क्षमता के इंजनों का होगा निर्माण : सारण डीएम डॉ नीलेश रामचंद्र देवरे सोमवार को मढ़ौरा रेल डीजल इंजन फैक्ट्री का भौतिक निरीक्षण किया। इस दौरान डीएम ने मढ़ौरा डीजल फैक्ट्री द्वारा निर्मित एक लोकोमोटिव इंजन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। मढ़ौरा स्थित ताल पुरैना में जीई लोकोमोटिव रेल इंजन कारखाना द्वारा उच्च तकनीक व आधुनिक सुविधाओं से युक्त रेल डीजल इंजन को तैयार किया जाता है। डीएम इसके बाद अनुमंडलीय जेल के लिए चयन की गई जमीन का अवलोकन ताल पुरैना चंवर गए। डीसीएलआर रविशंकर शर्मा, सीओ रविशंकर पाण्डेय के साथ जमीन की प्रकृति व अन्य तकनीकी तथ्यों की जानकारी ली और उन्हें निर्देश दिया। बाद में डीएम मढ़ौरा चीनी मिल की भौतिक स्थिति का सत्यापन करने मढ़ौरा नगर स्थित गढ़देवी मंदिर के पीछे पहुंचे।

 

आठ नए जेलों में मढ़ौरा का नाम भी था शामिल

नालंदा के राजगीर, नवादा के रजौली, सिवान के महाराजगंज, गोपालगंज के हथुआ, पूर्वी चंपारण के चकिया और पकड़ीदयाल, वैशाली के महनार, सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर के साथ सारण के मढ़ौरा अनुमंडल का नाम शामिल किया गया था। जेल के बनने से जिला जेल पर दबाव घटेगा। दूसरी ओर अनुमंडल के पुलिस प्रशासन को सुविधा प्राप्त हो जायेगी।

 

भूमि चिह्नित : लीज पर प्रशासन लेगा

इंजन निर्माण कर रही अमेरिकी कंपनी जीई से रेलवे का 11 साल का करार है। जीई रेलवे को एक हजार उच्च क्षमता का इंजन प्रदान करेगी। यहां से 1000 हाई एचपी के डीजल इंजनों की आपूर्ति का करार किया है।

 

25 एकड़ चिन्हित भूमि में मात्र 11.5 एकड़ रैयती और 13.5 एकड़ सरकारी आम गरजरुआ जमीन बताई जा रही है। प्रशासन रैयतदार से जमीन सौ साल के लीज पर लेगी। जमीन पर भी रैयती को चार गुना मुआवजा की राशि मिलेगी। चिह्नित स्थान पर जमीन का 30-35 हजार कट्ठा का सरकारी दर है। सरकार द्वारा जमीन लिए जाने पर जमीन मालिकों को इसका चार गुना अधिक राशि प्राप्त होगी।

Input: Daily Bihar

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